
Deforestation: Current status, Causes and Effects
Deforestation [वनों की कटाई] का तात्पर्य वनों से पेड़ों को स्थायी रूप से हटा देना है. Deforestation का उद्देश्य कृषि, चराई के लिए भूमि को साफ करना, ईंधन, अधोसंरचना निर्माण या निर्माण के लिए आवश्यक लकड़ी की जरुरत आदि शामिल हो सकती है.
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के अनुसार, पृथ्वी की कुल भूमि में से 30% से अधिक भूमि वनों से आच्छादित हैं. इस 30 प्रतिशत वनों से एक अरब से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भोजन, चिकित्सा और ईंधन प्रदान करती हैं.
दुनिया भर में, वन क्षेत्र से 13.4 मिलियन लोगों को रोजगार प्राप्त होता हैं, साथ ही साथ अन्य 41 मिलियन लोगों को वनों से संबंधित नौकरियां मिलती हैं.
वन एक वृहत संसाधन | Forests Are a Giant Resources
वन एक वृहत प्राकृतिक संसाधन हैं, इसके आलावा यह बहुत बड़ा और अविकसित भू-भाग भी हैं जिसे कृषि और चराई जैसे उद्देश्यों के लिए परिवर्तित किया जा सकता है.
नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, उत्तरी अमेरिका में, सन् 1600 से 1800 इसवी के अंत के तक इस महाद्वीप के पूर्वी भाग से लगभग आधे जंगलों की कटाई लकड़ी और खेती के लिए कर दिया गया था.
वर्तमान में सबसे अधिक वनों की कटाई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हो रही है. पहले जो इलाके दुर्गम थे, वे अब पहुंच के दायरे में हैं क्योंकि घने जंगलों से होकर नई सड़कें बनती जा रही हैं.
सन् 2017 में मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की एक की रिपोर्ट से पता चला है कि 2017 में उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग 61,000 वर्ग मील (लगभग 158,000 वर्ग किलोमीटर) जंगल नष्ट कर दिए गए. अर्थात बांग्लादेश के क्षेत्रफल के आकार के वनों की कटाई हो चुकी है.
वन नष्ट होने के कारण | Reasons of Deforestation
- वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि 20 वीं सदी की शुरुआत से अब तक लगभग 3.9 मिलियन वर्ग मील (10 मिलियन वर्ग किमी) जंगल ख़त्म हो गए हैं. पिछले 25 वर्षों में नजर डाले तो जंगल 502,000 वर्ग मील (1.3 मिलियन वर्ग किमी) तक सिकुड़ गए है जो कि दक्षिण अफ्रीका के आकार से बड़ा क्षेत्र होता है.
- द गार्जियन (2018) के द्वारा किये गए सर्वे में यह पाया गया कि हर सेकंड, लगभग एक फ़ुटबॉल मैदान के आकार के बराबर जंगल का एक हिस्सा ख़त्म हो जाता है. यह एक गंभीर और चिंताजनक आकड़ा है.
- यूनियन ऑफ कंसर्नड साइंटिस्ट्स (UCS) की रिपोर्ट है कि उष्णकटिबंधीय वनों की कटाई [Deforestation] के लिए सिर्फ चार चीजें जिम्मेदार हैं: गोमांस, सोया, पाम का तेल और लकड़ी के उत्पादन. इस रिपोर्ट के अनुसार स्विटजरलैंड का 14,800 वर्ग मील क्षेत्रफल (38,300 वर्ग किमी) हर साल वनों की कटाई का शिकार हो जाता है.

- उष्णकटिबंधीय जंगलों में प्राकृतिक आग दुर्लभ किन्तु तीव्र होती है. इन क्षेत्रों में कृषि उपयोग हेतु भूमि को साफ करने के लिए आमतौर पर मानव द्वारा जलाया जाता है. सबसे पहले, मूल्यवान इमारती पेड़ों को काटा जाता है, फिर शेष वनस्पति को सोया या चारा वाली फसलों के लिए रास्ता बनाया जाता है.
- ब्राजील के वनों से कुछ चौकाने वाले आकड़े सामने आये हैं. जिसमें 2019 के दौरान ब्राजील में मानव द्वारा जानबुझ कर कई बार आग लगाई गई. नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार अगस्त 2019 तक, अमेज़ॅन में 80,000 से अधिक पेड़ों को आग के द्वारा नुकसान जो 2018 के आकड़ों से लगभग 80% ज्यादा है.
वनों की कटाई के प्रभाव | Effects of Deforestation
मुख्य प्रभाव | Major Effects of Deforestation
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान, विश्व बैंक के अनुसार वन उष्णकटिबंध से उच्च-अक्षांश क्षेत्रों तक पाए जाते हैं. वन में कुल स्थलीय जैव विविधता का 80% हिस्सा पाया जाता है. Deforestation के वजह से जैव विविधता में चिंताजनक ह्रास देखी गई है.
- युगांडा जैसे देशों में, लोग लकड़ी, इमारती तथा जलाऊ और कोयला के लिए पेड़ों पर भरोसा करते हैं. पिछले कुछ दशकों में, युगांडा ने अपना 63% से अधिक वन आच्छादन खो [Deforestation] दिया है. यहाँ लोग अपने बच्चों को जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करने के लिए भेजते है.
- चूँकि अधिकांश वन काटे जा चुके है इसलिए लकड़ी के लिए बहुत दूर तक जाना पड़ता है. इस कार्य के लिए बच्चे अपना स्कूल छोड़ देते है. इसीलिए यहाँ साक्षरता का प्रतिशत काफी कम है.
- FAO 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी के ताजे पानी की तीन-चौथाई मात्रा वन आधारित वाटरशेड से प्राप्त होती हैं. वनों का नुकसान [Deforestation] पानी की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित कर सकता है.
- UN की 2018 की स्टेट ऑफ़ द वर्ल्ड फ़ॉरेस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि आधी से अधिक वैश्विक आबादी पेयजल के साथ-साथ कृषि और उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले पानी के लिए वन वाटरशेड पर निर्भर है. वनों की कमी जल संकट को प्रेरित करती है.

अन्य प्रभाव | Other Effects
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वनों की कटाई [Deforestation] जल वाष्प के उत्पादन के तरीके को प्रभावित कर सकती है, जिससे इन क्षेत्रों कम वर्षा की आशंका होती है.
- इकोहाइड्रोलॉजी पत्रिका में 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अमेजन वर्षावन के कुछ हिस्सों को कृषि भूमि में परिवर्तित किया गया था, जिनमें मिट्टी और हवा का तापमान अधिक था. ऐसी स्तिथि अक्सर सूखे की समस्या को और बढ़ा देती है.
- ठीक इसकी तुलना में, वनाच्छादित भूमि में वाष्पीकरण की दर लगभग तीन गुना अधिक थी. जो हवा में अधिक मात्रा में जल वाष्प मिला देती है.
- जैसा कि सभी जानते है पेड़ों के द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित कर लिया जाता हैं, और मानवीय गतिविधियों द्वारा उत्पादित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करते हैं. वनों का कम होना ग्रीनहाउस गैसों की प्रतिशत मात्रा में असंतुलन पैदा कर देती है.
- वर्तमान में जलवायु परिवर्तन जारी है. ऐसे में पेड़/वन कार्बन अनुक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यह अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड ले कर उसके भंडारण और पुनः चक्रण करते हैं.
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन का कहना है कि वनों की कटाई [Deforestation] जलवायु परिवर्तन का दूसरा प्रमुख कारण है (पहला जीवाश्म ईंधन का जलना है).
वनों की कटाई के समाधान | Deforestation solutions
वनों की कटाई के लिए विकल्प विकसित करने पर जोर देना ज्यादा आवश्यक जिससे पेड़ों की कटाई रोकी जा सकती है. उदाहरण के लिए, कृषि के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि का विस्तार करने की इच्छा, वनों की कटाई [Deforestation] का सबसे प्रमुख कारण है.
संयुक्त राष्ट्र के सतत वन प्रबंधन टूलबॉक्स के अनुसार, अगर लोग स्थायी कृषि प्रथाओं या नई खेती प्रौद्योगिकियों और फसलों को अपनाते हैं, तो भूमि की आवश्यकता कम हो सकती है. जिससे वनों की सुरक्षा और संवर्धन दोनों हो सकती है.
अच्छी बात यह है कि जंगलों को फिर से संवर्धित किया जा सकता है. साफ किए गए क्षेत्रों में पेड़ों को फिर से लगाने या वन पारिस्थितिकी तंत्र को समय के साथ पुनर्जीवित करने की कोशिश करनी चाहिए.
अमेरिकी वन सेवा के अनुसार, पुनर्स्थापना का लक्ष्य जंगल को अपनी मूल स्थिति में वापस करना है. जितनी जल्दी एक मैदानी क्षेत्र को फिर से पेड़ों से हरा-भरा किया जाता है, उतना ही जल्दी पारिस्थितिकी तंत्र खुद को ठीक करना शुरू कर देता है.
निष्कर्ष | Conclusion
हर कोई वनों की कटाई [Deforestation] पर अंकुश लगाने के लिए काम कर सकता है. हम प्रमाणित लकड़ी के उत्पाद खरीद सकते हैं, जब भी संभव हो कागज रहित कार्य करे, पाम तेल का उपयोग कम करे साथ ही साथ ऐसे उत्पादों की खपत को सीमित करें जो पाम तेल से बनी हो और सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारीपूर्वक जब भी संभव हो एक पेड़ अवश्य लगाएं.